महिलाएं बदल सकती हैं इस दुनिया की तस्वीर जरा उन्हें कदम मिलाकर चलने तो दो महिलाएं बदल सकती हैं इस दुनिया की तस्वीर जरा उन्हें कदम मिलाकर चलने तो दो
समय है हमारे पास अभी खुद में मिल जाने का और विखरते हुये गुजर जाने का। समय है हमारे पास अभी खुद में मिल जाने का और विखरते हुये गुजर जाने का।
शान्ति-कपोत के पंखों की तरह खड़ी हो तुम अडिग कैसे मर सकती हो तुम, सदा को ! शान्ति-कपोत के पंखों की तरह खड़ी हो तुम अडिग कैसे मर सकती हो तुम, सदा को !
आवाज़ आग भी तो हो सकती है आवाज़ आग भी तो हो सकती है
लकीरें हाथ में जो हैं, पुरानी हैं लकीरें हाथ में जो हैं, पुरानी हैं
ऐसा भी तो कोई वादा ना था। ऐसा भी तो कोई वादा ना था।